कांग्रेस के नाराज विधायकों को आलाकमान से मिला ठोस आश्वासन, लौट रहे सभी झारखंड..
रांची: चंपाई सोरेन मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे के चारों पुराने मंत्रियों को बदलने का नाराज कांग्रेस के विधायकों को आलाकमान से आश्वासन मिला है।नाराज कांग्रेस के 8 विधायक अपनी इसी मांगों को लेकर रांची से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे। इस दौरान विधायकों से प्रवेक्षक उमंग सिंहघार और झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर से कई दौर की बैठक हुई। लेकिन नतीजा सिफर रहा। उसके बाद कांग्रेस के विधायकों से केसी बेनुगोपाल के साथ बैठक हुई। नाराज सभी विधायकों से उन्होंने अलग अलग बैठक कर उनकी भावनाओं को जानने का प्रयास किया। अंतिम दौर की बैठक बुधवार को हुई है। बैठक के बाद आलाकमान से विधायकों को ठोस आश्वासन मिला। जिसके बाद सभी रांची लौटने के लिए दिल्ली से रवाना हुए।
वहीं खिजरी विधायक राजेश कच्छप,भूषण बड़ा ओर सोनाराम सिंकू ने गणादेश अखबार से दूरभाष पर बात करते हुए कहा कि हम लोगों ने अपनी बातों को आलाकमान तक रख दिया है। साथ ही उन पर ही फैसला छोड़ दिया है। हम लोगों ने जो भी मांग रखा वह निजी नहीं था। यह झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का है।
विधायकों ने कहा कि पुराने चारों मंत्री कार्यकर्ताओं का तो छोड़िए, विधायकों का भी फोन नहीं उठाते हैं। ऐसे में संगठन कितना मजबूत होगा यह आप लोग ही बताइए। कुछ ही महीने में लोकसभा चुनाव होने वाला है। कार्यकर्ताओं के बल पर ही चुनाव जीता जाता है।
उन चार मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड कांग्रेस संगठन के हित में नहीं हैं। चार सालों के अंदर इनलोगों ने संगठन और कार्यकर्ताओं का कोई काम नहीं किया है। पानी जब सर से ऊपर हो जाता है तो लोग छटपटाने लगता है। चारों मंत्रियों का जब अत्याचार अत्यधिक हो गया तब हम लोग दिल्ली आलाकमान से मिलकर अपनी बातों को रखने पहुंचे हैं।
विधायकों ने कहा कि कहा कि आलाकमान से इस बार हम लोगों को ठोस आश्वासन मिला है। जल्द ही हम लोगों की मांगें पूरी होने की पूरी उम्मीद है। फिलहाल बजट सत्र में हम लोग भाग लेने वापस झारखंड जा रहे हैं। हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि बजट सत्र के बाद चारों पुराने मंत्रियों को बदला जाएगा। यदि बजट सत्र के बाद भी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया तो ठोस कदम उठाया जाएगा।
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो बजट सत्र के बाद कांग्रेस में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। इसमें चंपाई सोरेन मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे से चारों मंत्रियों के बदलने के साथ साथ प्रायः अध्यक्ष भी बदलने की पूरी संभावना है। प्रदेश अध्यक्ष की कमान किसी आदिवासी और युवा चेहरा को दिया जा सकता है। इस बात की चर्चा दिल्ली में विधायकों की अलाकामन के साथ बैठक में हुई है।