बड़ा सवाल, आखिर कौन बचा रहा आरोपी आइएएस अफसरों को, गड़बड़ी के सबूत भी, पर नहीं मिल रही अभियोजन की स्वाकृतिगणादेश खोल रहा है परत दर परत अनियमितता का राज
रांचीः झारखंड कैडर के आइएएस अफसरों के खिलाफ अनियिमता के सबूत मिलने के बाद भी उन्हें कौन बचा रहा है, इस रहस्य से जल्द ही पर्दा उठेगा। वजह यह है कि एसीबी ने इन अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने स्वीकृति का प्रस्ताव टर्न डाउन कर दिया । आखिर इसकी वजह क्या है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। सूत्रों के अनुसार अगर अभियोजन की स्वीकृति मिल गई तो सरकार के कई करीबी इसके जांच में दायरे में आ जाएंगे।
मनोज कमार पर साढ़े चार करोड़ वित्तीय अनियमितता का है आरोप
आईएएस मनोज कुमार पर गाज गिर सकती है. धनबाद नगर निगम में ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट के लिए कंप्यूटर और उपकरणों की खरीदारी में 4.8 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी के मामले में धनबाद के तत्कालीन नगर आयुक्त मनोज कुमार और तत्कालीन अपर नगर आयुक्त प्रदीप कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही गई थी। विघि विभाग ने भी इस पर सहमति दे दी थी। खुद सीएम हेमंत सोरेन के आदेश पर हुई जांच में इनके खिलाफ प्राथमिक तौर पर साक्ष्य मिले थे. फिर मनोज कुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो झारखंड रांची में पीइ संख्या 17/15 अंकित थी इनके के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई के लिए उनके प्रशासी विभाग के प्रधान सचिव को ब्यूरो द्वारा चार मई 2017 को ही लिखा गया था। सूत्रों के अनुसार इस मामले पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
रांची डीसी छवि रंजन के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति मांगी
रांची डीसी छवि रंजन के विरुद्ध भी एसीबी ने अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी। पर राज्य सरकार ने स्वीकृति का प्रस्ताव टर्न डाउन कर दिया था। उन पर कोडरमा डीसी रहते हुए सरकारी पेड़ कटवाने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार इस पर भी जल्द कार्रवाई होगी।
पूर्व आइएएस जयशंकर तिवारी भी हैं निशाने पर
माइंस घोटाले में फंसे पूर्व आइएएस व जयशंकर तिवारी के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति का मामला पिछले दो साल से लटका है। सरकार के शीर्ष स्तर पर फाइल पेंडिंग है।इधर सीबीआई द्वारा केंद्र सरकार को की जा रही रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय बार-बार राज्य सरकार से मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी मांग रहा है। बता दें कि फरवरी 2022 में भी केंद्र ने इस मामले में राज्य सरकार से पूछा था कि वह क्या कार्रवाई कर रही है। इस पर भी जल्द कार्रवाई होगी।