एडीजे-टू की अदालत ने हत्या के एक मामले में चार आरोपियों को सुनाई सश्रम आजीवन कारावास की सजा
सरायकेला। जिला व्यवहार न्यायालय के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज द्वितीय कनकन पट्टादार की अदालत ने वर्ष 2018 में सरायकेला थाना अंतर्गत मुड़िया तालाब के पास हुए मोहम्मद नासिर नाम व्यक्ति की हत्या के मामले में चार आरोपियों को भादवि की धारा 302 एवं 34 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक आरोपियों को ₹20000 जुर्माना की सजा भी सुनाई है। जुर्माना भुगतान कर पाने की स्थिति में प्रत्येक आरोपी को 6 महीने अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतना होगी। अदालत ने आरोपियों को 27 आर्म्स एक्ट का दोषी पाते हुए 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए प्रत्येक को जुर्माना की सजा सुनाई है।जुर्माना नहीं देने पर तीन महीना का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने जुर्माने की राशि मृतक के पत्नी रेशमा खातुन को भुगतान करने का निर्देश दिया है।सरकारी वकील को न्यायालय ने आदेश दिया है कि जजमेंट की कॉपी 357(ए) कंपनसेशन एक्ट के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार दाखिल करें। जिससे मृतक के पत्नी को आर्थिक सहायता मिल सके। सुनवाई के दौरान अभियुक्तों की पैरवी व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केपी दुबे एवं प्रदीप पति के द्वारा किया जा रहा था। सरकारी अधिवक्ता अशोक राय एवं अन्य दो प्राइवेट वकील वरिष्ठ अल्ताफ हुसैन एवं शंकर सिंहदेव कर रहे थे। दोषी पाए गए आरोपियों में मुख्तार आलम व अख्तर आलम, दोनों मुड़िया गांव निवासी, मोहम्मद शब्बीर चंद्रपुर एवं मोहम्मद जाहिर कमलपुर गांव निवासी हैं। अदालत द्वारा आरोपियों को मुड़िया गांव निवासी मोहम्मद नासिर के हत्या में संलिप्त पाया गया है। इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ मृतक मोहम्मद नासिर के पत्नी रेशमा खातून द्वारा 27 सितंबर 2018 को हत्या प्राथमिकी दर्ज कराया गया था। प्राथमिकी में उसने बताया कि शाम 6:00 बजे के आसपास उसको पति मोहम्मद नासिर फल खरीदने के लिए कोलाबीरा गए थे। उसी दौरान मुड़िया तालाब के पास चारों आरोपियों द्वारा उन्हें घेरकर गोली मार दी गई।