वन विभाग ने स्कूली बच्चों के बीच क्विज प्रतियोगिता का किया आयोजन

आओ वन बनू बने अभियान के अंतर्गत छात्रों को बताया गया झारखंड के हरित भविष्य का अग्रदूत

रांची : वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड के वन प्रचार प्रभाग ने डोरंडा स्थित ‘पलाश कॉन्फ्रेंस हॉल में एक दिवसीय मेगा कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विभाग द्वारा शुरू किए गए विशेष जागरूकता अभियान ‘आओ वन बंधू बनें के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों को वन संरक्षण, सामाजिक वानिकी और पर्यावरणीय संतुलन के प्रति जागरूक बनाकर उन्हें वन बंधू के रूप में तैयार करना है।इस वृहद कार्यशाला से पहले, पिछले एक महीने से विभाग द्वारा नामित एजेंसियों और अधिकारियों की टीम लगातार राची और आसपास के क्षेत्रों के विद्यालयों में जाकर छोटे-छोटे जागरूकता सत्र और कार्यशालाएं आयोजित कर रही थी, जिनका उद्देश्य बच्चों को इस अभियान से जोड़ना और उनमें पर्यावरणीय चेतना जगाना था। आज की यह मेगा कार्यशाला उसी अभियान की एक अहम कड़ी रही, जहां अब तक जागरूक किए गए छात्रों को एक मंच पर लाकर संवाद, प्रतिस्पर्धा और संकल्प की प्रेरणा दी गई।
“आओ वन बंधू बने अभियान यह मानता है कि छात्रों में वह ऊर्जा, उत्साह और नवाचार की सोच होती है, जो किसी भी सामाजिक आंदोलन को दूर तक ले जा सकती है। वे अपने परिवार स्कूल और समाज को प्रभावित करने की अद्‌भुत समता रखते हैं। ऐसे में उन्हें वन संरक्षण का सशक्त दूत बनाना, भविष्य को हरित बनाने की दिशा में एक दीर्घकालिक निवेश है। इस कार्यशाला में रांची के विभिन्न विद्यालयों से आए लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। साथ ही, वन विभाग के वरिषा अधिकारी पर्यावरण विशेषज्ञ, शिक्षाविद एवं जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और अपने वक्तव्य में कहा कि’वन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। यदि हमें अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना है, तो आज से ही वनों की रक्षा का संकल्प लेना होगा। छात्रों के माध्यम से यह संदेश समाज के हर कोने तक पहुँचेगा।” कार्यशाला के दौरान चरित्री कला केंद्र, राची द्वारा पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नृत्य प्रस्तुत किए।
एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता में छात्रों ने प्रभावशाली भाषणों के जरिए अपनी सोच को उजागर किया,

  • ड्राइंग प्रतियोगिता में हरियाली की सुंदर कल्पनाएं चित्रित हुई,
    विवज प्रतियोगिता ने उनकी पर्यावरणीय जानकारी को परखा।
    इसके अलावा, प्रतिभागियों को जागरूकता सामग्री दी गई और विशेषज्ञों द्वारा वनों की वर्तमान स्थिति, संकट और
    समाधान पर व्याख्यान भी दिए गए। विजेताओं को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। शपथ और भविष्य की दिशा
    कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों ने ‘वन बंधू बनने और अपने समुदाय में पर्यावरणीय जागरूकता फैलाने की शपथ ली। वन प्रवार प्रभाग द्वारा झारखंड के विभिन्न जिलों में जल्द ही इस अभियान को विस्तार देने की घोषणा की गई।

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