11 गांवों से 118 आदिवासी परिवारों को ग्रामसभा ने किया गांव से निष्कासित

रांची: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के 11 गांवों में रहने वाले 118 आदिवासी परिवारों को ग्राम सभा के एकपक्षीय फैसले के तहत गांव से निष्कासित कर दिया गया है। इन परिवारों की जिंदगी अब दर-दर की ठोकरें खाते हुए कट रही है। प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
चौंकाने वाली बात ये है कि इन निष्कासित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार भी कर दिया गया है — न उन्हें हुक्का-पानी मिल रहा है, न ही सरकारी योजनाओं का लाभ। धार्मिक स्थलों में प्रवेश तक पर रोक लगा दी गई है।
गुरुवार को पीड़ित परिवारों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर उपायुक्त से इंसाफ की गुहार लगाई और चेतावनी दी कि अगर जल्द पुनर्वास की व्यवस्था नहीं हुई तो वे धर्म परिवर्तन को मजबूर हो जाएंगे। सभी परिवार सरना धर्म के अनुयायी हैं और ग्राम सभा के मनमाने फैसले को नहीं मानने की वजह से इस कठोर सजा का शिकार हुए हैं।
अब सबकी नजर जिला प्रशासन पर टिकी है—क्या उपायुक्त इस अन्याय के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाएंगे या पीड़ितों की आवाज एक बार फिर अनसुनी रह जाएगी?

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