पेसा कानून नियमावली निर्माण में हो रहे विलम्ब को लेकर हातु मुंडा संघ की हुई बैठक
खूंटी :पेसा कानून के नियमावली निर्माण में हो रहे विलम्ब को लेकर सोमवार को तोरपा प्रखण्ड सभागार में पारम्परिक हातु मुंडा संघ की बैठक अनसेलेम भेंगरा की अध्यक्षता एवं मानुएल तोपनो के संचालन में हुई। हातु मुंडाओं को सचेत करते हुए झारखण्ड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम – २००१ पारम्परिक ग्राम सभा को बंधुवा बनाने वाला नियम है। पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन का राजनीतिकरण किया जाना आदिवासियों के साथ बहुत बहुत धोखा है। बैठक में उपस्थित तोरपा प्रमुख रोहित सुरीन ने कहा कि बिना आन्दोलन के अधिकार नहीं मिलने वाला है, पेसा कानून को धरातल पर उतारने के लिए आन्दोलन ही एक मात्र रास्ता दिखाई दे रहा है। हमें सड़क से सदन तक आन्दोलन का रणनीति तैयार करना होगा।
समाजसेवी मसीहदास गुड़िया ने कहा कि झारखण्ड विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में इंडिया गठबंधन ने वादा किया था कि सरकार बनने पर पेसा नियमावली तैयार कर लागू किया जाएगा, किन्तु सरकार के रवैये से लग रहा है कि वह गम्भीर नहीं है।
कोईल कारो जनसंगठन के उपाध्यक्ष जोन जुरसेन गुड़िया ने कहा कि झारखण्ड सरकार आदिवासियों को जल जंगल जमीन का अधिकार देना नहीं चाह रही है, यही कारण है कि पेसा कानून पर टालमटोल कर रही है।
क्षेत्रीय प्रभारी बेनेडिक्ट नवरंगी ने कहा कि आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधान से छेड़छाड़ नहीं किया जाना चाहिए। पेसा कानून के मूल उद्देश्य के अनुरूप नियमावली निर्माण कर आबुआ सरकार की पहचान को मजबूत करे झारखण्ड सरकार। बैठक में मुख्य रूप से मानुएल तोपनो, फूलजेम्स तोपनो, अजीत तोपनो, शिवराम मुंडा, अमृत कोनगाड़ी,जीदन तोपनो, जुनास भेंगरा, रेजन तोपनो, कलिया मुंडा, शीतल हेमरोम, धनी गुड़िया, अनुप हेमरोम एवं जोहन होरो आदि उपस्थित थे।