राजधानी पटना में अतिक्रमण मुक्त सुयोग्य व्यवस्था सरकार की : प्रमंडलीय आयुक्त

अनूप सिंह
पटना।राजधानी पटना में अतिक्रमण मुक्त सुयोग्य व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है! उच्च गुणवत्ता व तकनीक पर आधारित यातायात प्रबंधन राजधानी पटना के लिए आवश्यक है। कार्यों में कोताही बरतने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी!उक्त बातें प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े ने कही।वे बुधवार को आयुक्त कार्यालय में अतिक्रमण मुक्त अभियान की समीक्षात्मक बैठक को संबोधित कर रहे थे। आयुक्त ने कहा कि सुगम व सुचारू यातायात की व्यवस्था जनहित में अत्यावश्यक है। यह हमारे कार्यशैली व जीवन-शैली पर भी काफी प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवधान, अतिक्रमण व यातायात नियमों के उल्लंघन के विरूद्ध प्रशासन शून्य सहिष्णुता के सिद्धांत पर काम करता है। नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, परिवहन, राजस्व, पथ निर्माण, प्रशासन, पुलिस, विधि-व्यवस्था, विद्युत सहित सभी सम्बद्ध पदाधिकारी अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें। सीसीटीवी-आधारित निगरानी (सर्वेलेन्स) तंत्र सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया। गौरतलब हो कि समीक्षात्मक बैठक में
डीएम पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक, अवकाश कुमार व नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर द्वारा आयुक्त के संज्ञान में लाया गया कि यातायात प्रबंधन हेतु प्रशासन द्वारा नियमित तौर पर कार्रवाई की जा रही है। बुधवार से पुनः अतिक्रमण उन्मूलन अभियान की शुरूआत हुई है। शहरी व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु शहरी प्रबंधन इकाई सतत क्रियाशील है। डेडिकेटेड टीम का गठन कर समय-समय पर अतिक्रमण हटाया जाता है।
आयुक्त मयंक वरवड़े ने डीएम पटना, वरीय पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, को अतिक्रमण हटाने के लिए नियमित तौर पर स्पेशल ड्राईव चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अभियान चलाने से पहले क्षेत्र में अनुमंडल पदाधिकारी माईकिंग कराएंगे, अतिक्रमण हटाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी सुनिश्चित की जाएगी। अतिक्रमण उन्मूलन अभियान का संचालन विधिवत करने का आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया।
आज की इस बैठक में यातायात प्रबंधन से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। नेहरू पथ, सगुना मोड़, गाँधी मैदान, राजा बाजार, दीघा, बोरिंग रोड, अशोक राजपथ, मुख्य सड़क से सटे सम्पर्क पथ, वाहन पार्किंग (पार्किंग/नो पार्किंग जोन), वेंडिंग जोन, साईनेजेज, सीसीटीवी कैमरे से निगरानी एवं नियंत्रण कक्ष, पुलिस गश्ती एवं प्रतिनियुक्ति, सड़कों की खुदाई पर नियंत्रण, पटना मेट्रो मार्ग तथा अन्य बिन्दुओं पर एक-एक कर विमर्श किया गया एवं आवश्यक निदेश दिया गया। प्रमंडलीय आयुक्त ने निदेश दिया कि स्थायी वेंडिंग जोन को चिन्हित करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को विश्वास में लिया जाए। नगर कार्यपालक पदाधिकारियों द्वारा वेंडर्स के साथ बैठक कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विभिन्न रूट पर फॉलो-अप टीम को क्रियाशील रखने का निदेश दिया। यह टीम सुबह 09.00 बजे से 02.00 बजे दोपहर तक तथा पुनः 04.00 बजे शाम से 08.00 बजे रात तक सघन तौर पर गश्ती करेगी तथा पुनः अतिक्रमण की घटना से सख्ती से निपटेगी। आदतन अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध विधि-सम्मत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त ने कहा कि वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण अक्सर यातायात पर दबाव देखा जा रहा है। कंजेशन की समस्या दूर करने तथा सुचारू परिवहन के लिए यातायात-प्रबंधन आवश्यक है। इससे सड़क दुर्घटना को रोका जा सकता है। उन्होंने विभिन्न स्थलों पर साईनेज लगाने का निदेश दिया। पुलिस अधीक्षक यातायात तथा जिला परिवहन पदाधिकारी को माईनर व्यक्ति द्वारा ड्राईविंग, बिना परमिट के परिचालन, गाड़ी के शीशा पर ब्लैक फिल्म लगाने वालों एवं यातायात सुरक्षा के मानकों के उल्लंघन के अन्य मामलों के विरूद्ध लगातार जाँच करने एवं उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई करने का निदेश दिया गया। आयुक्त ने कहा कि इससे समाज में उदाहरण प्रस्तुत होगा ताकि लोग सुरक्षा से खिलवाड़ करने से बाज आएँ। वहीं
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 415 स्थानों पर 3300 से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। इसमें सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा 2,602; रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) कैमरा 473; ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरा 150; स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी) कैमरा 12 तथा व्हीकल डिटेक्शन एंड क्लासिफिकेशन (वीडीसी) कैमरा 120 लगाया गया है। 69 स्थानों पर पब्लिक एड्रेसल सिस्टम से जनहित के महत्वपूर्ण विषयों पर नियमित तौर पर उद्घोषणा की जाती है।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा यातायात प्रबंधन एवं निगरानी में काफी अच्छी भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया कि पटना स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को प्रभावी ढंग से अनुश्रवण करें। सीसीटीवी कैमरों, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, ईसीबी, आरएलवीडी, वीएमडी, एएनपीआर आदि का अधिष्ठापन/क्रियाशीलता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आयुक्त ने कहा कि उच्च तकनीकों पर आधारित यातायात-प्रबंधन पटना जैसे महत्वूर्ण शहर के लिए अत्यावश्यक है। पटना पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के लिए द्वार (गेटवे) की भूमिका निभाता है। यहाँ उत्कृष्ट यातायात जीवन-सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि, विकास एवं लोगों के जीवन-स्तर में सुधार लाने में उत्प्रेरक का काम करेगा। आयुक्त ने कहा कि लोक-सुरक्षा सुनिश्चित करना हमसब का महत्वपूर्ण दायित्व है। सीसीटीवी-आधारित निगरानी (सर्वेलेन्स) तंत्र विकसित करने से इसमें काफी सहायता मिल सकती है। यातायात नियंत्रण में साईन बोर्ड, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, वाहन गति उल्लंघन संसूचन, स्वचालित नम्बर प्लेट पहचान तंत्र काफ़ी सहायक होता है। आयुक्त ने निदेश दिया कि शहर में प्रमुख स्थानों पर एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस), वैरिएवल मैसेज साईन बोर्ड (वीएमडी), पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं इमर्जेन्सी कॉल बॉक्सेज (ईसीबी), स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी), ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) तथा इन्व्यारनमेंटल सेन्सर लोकेशन (ईएसएल) प्रणाली को क्रियाशील रखा जाए।
विदित हो कि आयुक्त के निर्देश पर पूर्व में भी कई बार अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान चलाया गया था। जनहित में इसे नियमित तौर पर संचालित किया जाएगा।
आयुक्त ने कहा कि जिला नियंत्रण कक्ष, अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर/पटना सिटी तथा दानापुर शहरी क्षेत्रों में सुचारू यातायात व्यवस्था हेतु सभी आवश्यक कार्रवाई करें। अवैध संरचना/अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारियों के नेतृत्व में लगातार अभियान चलाएँ। पब्लिक न्यूसेंस हटाने के लिए पुलिस से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में नोटिस देकर कार्रवाई करें। पुनः अतिक्रमण की घटना को रोकें। फॉलोअप टीम सक्रिय रखें। आयुक्त ने अतिक्रमण उन्मूलन अभियान में व्यवधान डालने वालों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है। उन्होंने ऐसे तत्वों के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई करने को कहा है।
आयुक्त ने अधिकारियों को यातायात के दृष्टिकोण से व्यस्त जगहों पर विशेष ध्यान देने को कहा।
आयुक्त ने कहा कि इस सभी कार्य का मूल उद्देश्य सीसीटीवी-आधारित निगरानी (सर्वेलेन्स) तंत्र द्वारा पटना के निवासियों के लिए एक सुरक्षित पर्यावरण विकसित करना है। इन्टेलिजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लोगों की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष तौर पर बनाया गया है। इसके चार प्रमुख घटक हैंः सुरक्षा, अनुशासित यातायात, नागरिक-केन्द्रित सेवाएं तथा सुदृढ़ सम्पर्कता। आयुक्त ने कहा कि उत्तम तकनीकों के इस्तेमाल से यातायात सुगम किया जा सकता है। मानव व्यवहार, समूह-व्यवहार, महिला सुरक्षा सहित विधि-व्यवस्था संधारण में भी इसका काफी प्रयोग है।
आयुक्त ने कहा कि नागरिकों के लिए संवेदनशील व्यवस्था का निर्माण सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस का उपयोग इसमें काफी सहायक सिद्ध हो सकता है।
इस बैठक में पुलिस महानिरीक्षक केन्द्रीय प्रक्षेत्र, पटना गरिमा मलिक,डीएम पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना अवकाश कुमार, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम अनिमेष कुमार पराशर, पुलिस अधीक्षक, यातायात अपराजित लोहान, अपर ज़िला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था राजीव रौशन, अपर जिला दंडाधिकारी नगर व्यवस्था, अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर/पटना सिटी, कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग, महाप्रबंधक पेसू सहित अन्य संबंधित वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *