झारखंड को अपनी सांप्रदायिक सोच की प्रयोगशाला बनाने की कोशिश नहीं करें आरएसएस-भाजपा : सोनाल शांति
रांची : झारखंड को अपनी सांप्रदायिक सोच की प्रयोगशाला बनाने की कोशिश आरएसएस और भाजपा ना करें। झारखंडवासी अपना हित-अहित भली भांती समझते हैं। असम से भागे घुसपैठियों को शिवराज जी भाजपा शासित राज्यों में खोजे। शिवराज सिंह चौहान द्वारा झारखंड में एनआरसी लागू किए जाने के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने जवाब देते हुए कहा कि 8वर्षों से असम में और 10 वर्षों से केंद्र में भाजपा की सरकार है लेकिन असम के रास्ते देश में घुसपैठ जारी है। श्री चौहान को असम के मुख्यमंत्री हेमंता
बिस्वा सरमा से जवाब मांगना चाहिए कि असम में एनआरसी की कवायद भाजपा शासन काल में वर्षों से चल रहा है उसका क्या प्रतिफल निकला, कितने घुसपैठियों की पहचान की गई, जिनकी पहचान की गई आज वह कहां है? हकीकत यह है कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की नाकामी के कारण असम के रास्ते देश में घुसे लाखों घुसपैठिए देश के अन्य भाजपा शासित राज्य में फैल चुके होंगे,कार्रवाई करने की बजाय भाजपा उन्हे सेफ जोन उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने कहा कि असम में भाजपा सरकार के समय एनआरसी के नाम पर लगभग 250 करोड रुपए घोटाले की बात कैग की रिपोर्ट में आ चुकी है लेकिन झारखंड में असम के मुख्यमंत्री इस पर चुप रहते हैं।
असम में एनआरसी के फेल होने के बाद आर एस एस के इशारे पर झारखंड में एनआरसी लागू कर भाजपा आदिवासियों को ही यहां के प्राकृतिक संसाधनों से दूर करना चाहती है। श्री शांति ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान असम के संबंध में एनआरसी की वास्तविक रिपोर्ट जारी कर उसकी वैधानिकता प्रमाणित करें और झारखंडी जनता को बताएं कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री रहते मध्य प्रदेश में ऐसी कोई कवायद की थी क्या। झारखंड इनके किसी सांप्रदायिक मुद्दे की प्रयोगशाला नहीं बनेगा।झारखंड का चुनाव घुसपैठ और एनआरसी नहीं बल्कि झारखंड के आर्थिक विकास और सामाजिक समरसता के मुद्दे पर लड़ा जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान और हेमंत बिस्वा सरमा को सलाह है कि अपनी सोच बदले क्योंकि जनता ने इनका असली रूप देख लिया है।