भाजपा के परिवर्तन यात्रा को कांग्रेस ने झारखंड के खिलाफ साजिश बताया
रांची।भाजपा के परिवर्तन यात्रा को कांग्रेस ने झारखंड के खिलाफ साजिश यात्रा बताया।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा परिवर्तन यात्रा के दौरान कांग्रेस और झारखंड सरकार पर लगाया गये आरोपो के संबंध में प्रदेश कांग्रेस मीडिया चेयरमैन सतीश पौल मुंजनी ने कहा कि अमित शाह को सोचना चाहिए कि 10 वर्षों से वह देश के गृह मंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं परंतु देश में घुसपैठ की बातें स्वीकार कर रहे हैं यह उनके लिए शर्म की बात है,निश्चित रूप से कहीं ना कहीं अपनी कमजोरी को स्वीकार कर रहे हैं, इसलिए उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। घुसपैठ के नाम पर धार्मिक उन्माद भड़काने की राजनीति झारखंड में चलाना चाहते हैं झारखंड में इनकी यह साजिश नहीं चलेगी। सबसे पहले इन्हें असम से घुसपैठ को रोकना चाहिए और असम में घुसपैठ के लिए असम के मुख्यमंत्री पर कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाने से पहले उन्हें यह पता होना चाहिए की 24 वर्षों में इस विभाग में पहली बार प्रक्रिया प्रारंभ की गई पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा इस भर्ती नीति को स्वीकृति प्रदान की गई थी। भरती प्रक्रिया शुरू होते ही स्पष्ट हो गया कि भाजपा की नीति हमेशा युवा और किसानों के लिए जानलेवा रही हैं।
देश की आर्थिक सत्ता का केंद्रीयकरण पूंजीपत्तियों के हाथों में देकर रोजगार के अवसर को समाप्त करने वाली केंद्र की सरकार को ऐसे मुद्दे उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए जिसमें उनके हाथ खुद काले हैं। झारखंड की सरकार ने युवाओं, महिलाओं,छात्राओं के आर्थिक- शैक्षणिक विकास के लिए ऐसी योजनाएं प्रारंभ की है जो झारखंड मिल का पत्थर साबित हो रहे हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन की झड़ी झारखंड में लगी हुई है जिससे नरेंद्र मोदी कैबिनेट की नींद उड़ी हुई है।
घोटाले के महामहीम नरेंद्र मोदी और अमित शाह झारखंड में घोटाले की बात कर रहे हैं। जिस मनरेगा घोटाले की बात कर रहे हैं वह भाजपा के शासन के समय का है। जमीन घोटाले के आरोपी वित्त मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं परंतु यह सब अमित शाह जी को नहीं दिखता है क्योंकि उन्हें अपना दामन हमेशा सफेद लगता है जबकि भ्रष्टाचार के कालिखो से उनके चेहरे पुते हुए हैं।
झारखंड बीजेपी की परिवर्तन यात्रा यहां के निवासियों के लिए साजिश रचने हेतु आरंभ की गई है जिसके द्वारा विभिन्न प्रमंडलो में धार्मिक सहिष्णुता को खराब कर जातिगत और धार्मिक धर्वीकरण की जमीन चुनाव के पहले तैयार की जा सके।