नवजीवन पंचकर्म प्राकृतिक चिकित्सा सह योग आश्रम में विविध रोगों का अचूक इलाज: योगाचार्य डॉ. रामगोपाल

रिपोर्ट अनमोल कुमार

मोकामा। स्थानीय चिन्तामणिचक में प्राकृतिक और योग चिकित्सा विशेषज्ञ , योगाचार्य डा, रामगोपाल ( विश्व प्रख्यात मर्म चिकित्सक योगाचार्य हेमंत खेडेकर द्वारा गुरूकुल योगाश्रम,पूणे, महाराष्ट्र से पांच बर्षिय दीक्षान्त प्राप्त) द्वारा जानु चरित, मर्म चिकित्सा, शिरोधारा, मसाज और योगाभ्यास के माध्यम से विविध रोगों का अचूक इलाज किया जाता है।
यहाँ घुटने का रोग यथा घुटने का दर्द, लिंगामेंट इंजरी ( सभी प्रकार के) सायनोविनयल फ्लुइड (ग्रीस) की कमी, घुटना घिसना, आस्तियों, आर्थराइटिस, सुजन में जानुवस्ति आदि।
आंखों का रोग यथा सफेद मोतिया ( कैटरैक्ट), काला मोतिया ( ग्लूकोमा), चश्मा लगना, नज़र कम होना में नेत्र तर्पण सहारक है। रीढ़ की हड्डी रोग यथा गर्दन दर्द, सर्वाइकल, कमर दर्द, स्पाइन में कम्प्रेशन, डिस्क बल्ज,रीढ की हड्डी में गैप, न्यूरोजिकल और कमर की सभी तकलीफों में सहायक है।
दिमाग रोग सिर में दर्द, माई ग्रेन, डिप्रेशन, तनाव, अनिन्द्रा , वात संतुलन, नसों को आराम पहुंचाने, नसों को शक्ति व ठहरे हुए भाव निकालने में शिरोधारा सहायक है।
यहाँ दूर से दुर्लभ रोगों से ग्रसित लोग आते हैं।
इसके अलावा योगाभ्यास, हवन, उचित खान पान के माध्यम से भी रोग का निदान किया जाता है। श्री रामगोपाल ने बताया कि योग है, तो रोग नहीं। हवा ही दवा है, पेट सफा, तो हर रोग दफा। यहाँ बाहर के रोगियों को उचित मूल्य पर रहने और खाने की भी व्यवस्था है। सारा आश्रम बांस और काश से निर्मित और सुसज्जित है।पटना जिले के मोकामा प्रखण्ड स्थित चिन्तामणिचक में गंगा के मनोहारी तट पर बसा यह आश्रम बर्बस आकर्षण का केंद्र है। उन्होंने कहा कि सब रोग वात, पीत और कफ में निहित है, जो प्राकृतिक योग और मर्म चिकित्सा से इलाज संभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *