अबुआ बीर दिशोम अभियान’’ के तहत कार्यशाला का आयोजन

खूंटी:अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा वन अधिकार अधिनियम अंतर्गतशनिवार को नगर भवन के सभागार में ’’अबुआ बीर दिशोम अभियान’’ के तहत एक दिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत जिला की उपलब्धि एवं कार्य योजना की जानकारी परियोजना निदेशक आईटीडीए ने विस्तार पूर्वक दी।
उपायुक्त ने संबोधित करते हुए आयोजित कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि अबुआ बीर दिशोम अभियान के तहत राज्य सरकार मुहिम के तहत वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत काफी समय से जंगलों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति समेत अन्य समुदाय के लोगों को वन पट्टा देकर उनका अधिकार दिलाने का कार्य कर रही है। कार्यशाला के माध्यम से आप पूर्ण जानकारी प्राप्त कर प्राथमिकता के आधार पर एफ०आर०ए एवं सामुदायिक वन पट्टा निर्गत करने को लेकर कार्य करें। उन्होंने राजस्व एवं वन विभाग को आपस में समन्वय स्थापित कर एफआरए को लेकर भौतिक सत्यापन, ग्राम सभा समेत अन्य जरूरी कार्य ससमय करने का निर्देश दिया। उन्होंने अगले 20 दिनों तक मुहिम के तहत वन क्षेत्र में रह रहे योग्य लाभुकों को चिन्हित कर ग्राम सभा के माध्यम से आवेदन जेनरेट कर भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि खूँटी जिला में लगभग 73 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति रहते है, इनमें वैसे लोग जो जंगलों में रह रहे है, उन्हें वन पट्टा एवं सामुदायिक वन पट्टा देने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने राजस्व एवं वन विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मियों को वन अधिकार अधिनियम को लेकर बनाए गए एस०ओ०पी को अच्छे से पढ़ने का भी निर्देश दिया, जिससे एफआरए निर्गत करने को लेकर भौतिक सत्यापन हेतु किसी भी प्रकार की शंका न रहे।

एक दिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कार्यशाला में राज्य स्तर के प्रशिक्षक जॉर्ज मनिपल्ली द्वारा कई प्रमुख बिंदुओं पर जानकारी दी गई। इनमें मुख्य रूप से वन अधिकार के लिए पात्रता, वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत ग्राम सभा की भूमिका, वनाधिकार समिति की संरचना और भूमिका, सामुदायिक वन अधिकार-दावा प्रक्रिया, वन अधिकार कानून 2006 के अंतर्गत ग्राम सभा अथवा अनुमंडल स्तरीय समिति के निर्णय के खिलाफ अपील करने का प्रावधान, दावों के भौतिक सत्यापन समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई। साथ हीं कार्यक्रम में Jhar App के संचालन को लेकर भी प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में अंचल निरीक्षक एवं राजस्व कर्मचारी समेत वनरक्षी द्वारा पुछे गए प्रश्नों के भी उत्तर एवं समाधान की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अपर समाहर्ता खूँटी, परियोजना निदेशक आईटीडीए खूँटी, डीसीएलआर, जिला कल्याण पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी, सभी अंचल निरीक्षक, राजस्व कर्मचारी, सभी वनरक्षी, वन विभाग के कर्मी एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।

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