बिहार में कई मंत्री होंगे बाहर, मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द
पटना. बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल कई को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। उनकी जगह नए चेहरों को मौका मिलेगा। सत्ता के गलियारों में इसकी चर्चा भी शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार नीतीश मंत्रिमंडल में कई ऐसे मंत्री हैं जो उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके हैं और उनकी वजह से सरकार के विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. सरकार के काम काज में गति लाने के साथ-साथ एनडीए के शीर्ष नेतृत्व की नजर आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी टिक गई है. इसके मद्देनजर विकास कार्य में तेजी लाकर जनता के बीच ये मैसेज भी देने की तैयारी है कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार बिहार के विकास के नाम पर सत्ता में आई है वो उस काम को तेज़ी से कर रही है.
नए चेहरे होंगे शामिल
सरकार में नए चेहरों को शामिल कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ-साथ मंत्रिमंडल में नयापन लाने की कोशिश भी सरकार की है. मंत्रियों को हटाने में नीतीश सरकार उम्र और सेहत को भी आधार बना सकती है. इसका आंकलन कर लिया गया है और मंत्रिमंडल विस्तार में उनका पत्ता भी कट सकता है और उनकी जगह कई नए चेहरे को मौका मिल सकता है. नए चेहरों में अनुभव के साथ-साथ युवाओं पर ज़्यादा भरोसा जताया जा सकता है.
जातीय संतुलन भी साधने की होगी पूरी कोशिश
नीतीश कुमार की मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो उसमें जातीय संतुलन भी साधने की पूरी कोशिश की जाएगी. कैबिनेट में ऐसे इलाके को भी प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है जो फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं. सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा की तरफ से ज़्यादा बदलाव देखे जा सकते हैं. कुछ बड़े मंत्रियों को भी हटाया जा सकता है और उन्हें संगठन के काम में लगाया जा सकता वहीं कुछ मंत्रियों के विभाग में भी बदलाव सम्भावित हैं.
जदयू में बड़े बदलाव के लगाए जा रहे कयास
जदयू में भी कुछ बदलाव होने की उम्मीद है लेकिन खबर है कि जदयू में जिसे हटाया जा सकता है उसी जाति से भरपाई भी की जा सकती है. जदयू के एक बड़े नेता को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार में वीआईपी से बीजेपी में आए तीन विधायकों में से किसी एक को जगह मिल सकती है वहीं जीतन राम मांझी भी लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में एक और सीट दिया जाए, ऐसे में एनडीए इस मांग पर भी गम्भीरता से विचार कर सकता है. फिलहाल नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में पांच सीटें खाली हैं, जिसे भरा जाना है. पांच सीटें जदयू और भाजपा के कोटे से हैं.