केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने तोरपा में तीन दिवसीय कृषि मेला का उद्घाटन किया
खूंटी: जिले के तोरपा प्रखंड के चुरगी में बने कृषि विज्ञान केंद्र के मैदान में तीन दिवसीय कृषि मेला का शुभारंभ केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया। उनके साथ पद्मभूषण सम्मानित पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा, तोरपा विधायक कोचे मुंडा, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भाकृअनुप डाॅ. हिमांशु पाठक, राष्ट्रीय उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान निदेशक डाॅ अभिजीत कर सहित अन्य सदस्य थे। इससे पूर्व कृषि विज्ञान केंद के प्रशानिक भवन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारत की अधिसंख्य आबादी कृषि पर आश्रित है। पर, कृषकों द्वारा अबतक परंपरागत तरीके से खेती करते आ रहे है। आबादी बढ़ने के साथ आवश्यकताएं भी बढ़ी। खेती के लिए जमीन सीमित है और हमारी आवश्यकता अधिक हैं। इसलिए कृषकों को वैज्ञानिक एवं आधुनिक तकनीकि से जोड़कर उत्पादकता में बढ़ोतरी लाने, पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध सुनिश्चित करने एवं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कृषि मंत्रालय, भारत सरकार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को चाहिए कि कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक एवं आधुनिक तरीके अपनाने हेतु किसानों को जोड़कर उत्पादन और पौष्टिकता में बढ़ोतरी एवं किसानों की दशा में सुधार कैसे लाया जा सके, इस दिशा में ईमानदार पहल करें। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों का विकास पर केंद्र सरकार काफी गंभीर है। जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर हम सभी को विषेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने झारखंड के खूंटी में पहली बार ग्रामीण इलाके में पूर्वी क्षेत्र के कृषि मेला की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों को नए कृषि तकनीक के साथ-साथ आधुनिक कृषि पद्धति और उन्नत आर्गिनिक फार्मिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे बेहतर कृषि पद्धति की जानकारी मिलेगी। कृषि मेला में साग-सब्जियों की खेती, फल-फूल की खेती और लाह की उन्नत किस्म की खेती की प्रषिक्षण दिया जाएगा। माननीय केंद्रीय मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कहा कि पूर्वी क्षेत्र के कृषि मेला की सार्थकता के लिए किसानों को चाहिए कि प्रषिक्षण के बाद प्राप्त जानकारियों के माध्यम से कृषि की आधुनिक तकनीकि का प्रयोग कर उत्पादन बढ़ायें और आत्म निर्भरता की ओर अग्रसरित हों।
उक्त पूर्वी क्षेत्र के कृषि मेला में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा सहित अन्य राज्यों राज्य के 15 हजार से ज्यादा किसान शामिल हैं। विभिन्न संस्थानों और संस्थाओं द्वारा कृषि एवं इससे संबंधित 150 से ज्यादा स्टॉल लगाए गये है। मेला में खेती से संबंधित विभिन्न विषयों उन्नत कृषि पद्धति, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, लाख एवं तसर उत्पादन आदि पर किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जायेगा तथा कृषकों की समस्याओं का तत्काल समाधान वैज्ञानिकों द्वारा किया जायेगा। कृषि मेला में साग-सब्जियों की खेती, फल-फूल की खेती और लाह की उन्नत किस्म की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।