11नवंबर को सीएनटी एक्ट शताब्दी शिलालेख ” का पारम्परिक रूप से दिरी-चपी किया जाएगा
खूंटी : सीएनटी एक्ट की 115 वीं वर्षगांठ के अवसर पर झारखण्ड उलगुलान संघ के तत्वावधान में 11 नवम्बर को खूंटी कचहरी मैदान में स्थापित सीएनटी एक्ट शताब्दी शिलालेख ” का पारम्परिक रूप से दिरी-चपी किया जाएगा, उसके बाद सभी ग्रामीण पैदल मार्च करते हुए समाहरणालय पहुंच कर ” महाधरना ” में शामिल होंगे।
यह जानकारी देते हुए झारखण्ड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने बताया कि सी. एन. टी. एक्ट – 1908 के निर्माण का एकमात्र उद्देश्य रहा है कि जमीन और जंगल आधारित आदिवासियों एवं मूलवासियों का गरिमापूर्ण आजीविका सुरक्षित रहे तथा उनके अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, परम्परा एवं संस्कृति पर किसी तरह का आंच न आए। संविधान के पांचवीं अनुसूची की धारा – 5 में भी जमीन की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।
इन विशेषाधिकारों तथा संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद तरह तरह के नीति-नियम थोपकर आदिवासियों एवं मूलवासियों के जमीन और जंगल को लूटा जा रहा है। भारत सरकार द्वारा घोषित ” समान नागरिक संहिता “, पूर्ववर्ती झारखण्ड सरकार द्वारा बनाई गई ” भूमि-बैंक नीति एवं लैंड-पूल नीति ” तथा भू-दस्तावेजों का त्रुटिपूर्ण अॉनलाईन किये जाने के पीछे यही मकसद है कि आदिवासियों तथा मूलवासियों के जमीन सम्बन्धी विशेषाधिकारों को कमजोर कर उनके जमीन और जंगल पर कब्जा करना।
इन्हीं साजिशों के खिलाफ जिला समाहरणालय, खूँटी के समक्ष महाधरना के माध्यम से अपनी भावना सरकार तक पहुंचाने का निश्चय किया गया है। महाधरना के क्रम में श्रीमान उपायुक्त, खूँटी से भेंटवार्ता कर उन्हें भी हमारी भावना से अवगत किया जाएगा तथा माननीय राज्यपाल महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित स्मार-पत्र सौंपा जाएगा।