तीन साल में हेमंत सोरेन की सरकार ने युवाओं के सपने को नहीं किया साकार,शिक्षा और स्वस्थ्य का रहा बुरा हाल!

रांची: 22 साल का झारखंड, अब भी कई क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है। यहां पर कई सरकार आई और चली गई,सभी ने अपनी अपनी जेबें भरने का काम किया। बीते 2019के विधानसभा चुनाव में झारखंड की जनता ने परिवर्तन का मन बनाया और झामुमो,कांग्रेस और राजद गठबंधन पर भरोसा कर हेमंत सोरेन की सरकार बनाई। प्रदेश के युवाओं में एक उम्मीद जगी,उनके सपने पूरे होने का भरोसा दिया गया। 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने को है,इसमें सबसे अधिक युवा ही ठगे गए। वहीं हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार के मुखिया सहित उनके कैबिनेट के मंत्री और नेता सरकार की उपलब्धियां गिनाने से नहीं चूक रहे हैं।राज्य सरकार गिनाने में लगी है कि उसने काफी संख्या में राज्य के लोगों को रोजगार दिया है. मगर, सरकार की ही दो संस्था जिनपर युवाओं की नियुक्ति करने का जिम्मा है, उनके आंकड़े सरकार के दावे को झूठा साबित कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं JPSC और JSSC की.

2019 में जब झामुमो चुनाव में उतरी थी, तो उसने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि दो सालों के अंदर पांच लाख युवाओं को नौकरी देगी. मगर, सरकार बनने के बाद ऐसा होता हुआ नहीं दिखा. JPSC और JSSC, जिस पर राज्य में अधिकारियों की नियुक्ति का जिम्मा है, उसने पिछले तीन सालों में कितनी नियुक्तियां की? इस बारे में जानते हैं।
JSSC राज्य के युवाओं और सरकारी पदों के लिए CGL, CHSL, पंचायत सचिव, MTS आदि कई सारी परीक्षाएं कराती हैं. इन सभी परीक्षाओं की बात करें तो इससे राज्य के कई हजार युवाओं को नौकरी मिलती है. साथ ही खाली पदों के कारण जो सरकारी काम अटके पड़े होते हैं, उन्हें भी सुचारु रूप से काम करने में मदद मिलती है. आम तौर पर हर साल हजारों वैकेन्सी के लिए JSSC परीक्षाएं आयोजित करती है. मगर, क्या आपको पता है कि पिछले तीन सालों में JSSC ने कितने पदों पर नियुक्ति की है? नहीं पता है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं, आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पिछले तीन सालों में JSSC द्वारा प्रदेश में सिर्फ 357 नियुक्तियां हुई है. मतलब कि हर साल जिस संस्था के द्वारा हजारों युवा नौकरी का सपना देखते हैं, वो सिर्फ 357 नियुक्तियां कराती है, वो भी एक साल में नहीं बल्कि तीन साल में.
अब सवाल है कि ये आंकड़ा कहां से आया कि JSSC द्वारा मात्र 357 नियुक्तियां ही हुई हैं. तो आपको बता दें कि ये आंकड़ा सरकार ने ही दिया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाजपा विधायकों को सरकार की ओर से इस सवाल पा जवाब दिया गया था।
अब हम बात कर रहे हैं,अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन की छवि जनता के नजरों में खराब हुई है। चुनाव आयोग के द्वारा राजभवन को भेजा गया लिफाफा भी अबतक नहीं खुला है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने युवाओं के सपने को चकनाचूर किया है। प्रदेश में स्वास्थ्य,शिक्षा का बुरा हाल है।
अपनी नाकामियों ,विफलताओं के साथ भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने केलिए मुख्यमंत्री  अपने उल्टे सीधे बयानों से जनता को दिग्भ्रमित करते हैं।
उन्होंने कहा मोदी सरकार गांव ,गरीब,दलित, आदिवासी,वंचितो के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित है। भाजपा सरकार का लक्ष्य अंत्योदय है।
उन्होंने कहा कि झारखंड के जल ,जंगल , जमीन को अपने परिवार की जागीर समझने वालों से बड़ा सामंत इस राज्य में कोई दूसरा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि अच्छा होता  मुख्यमंत्री जी अपने ऊपर लगे आरोपों का जनता को जवाब देना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *