विश्व का एकमात्र मंदिर, जहाँ बिना सिर के भगवान गणेश जी की होती है पूजा

उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में सोनप्रयाग से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर मुंडकटिया मंदिर है। यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहाँ बिना सिर के भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
शिव पुराण के अनुसार, यह वहीं स्थान है; जहाँ भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश जी का सिर काट दिया था और बाद में हाथी का सिर धड़ पर लगा दिया था। मुंडकटिया का अर्थ है-मुंड (सिर) और कटिया (विच्छेदित) तभी से इस मंदिर का नाम मुंडकटिया मंदिर पड़ा।
शिव पुराण की कथा के अनुसार, एक बार मां पार्वती स्नान करने जा रही थीं। उस समय उन्होंने हल्दी के लेप से एक मानव रूप बनाया और उस शरीर में प्राण फूंक दिए। इसके बाद मां पार्वती ने उन्हें अपने बेटे के रूप में स्वीकार कर लिया और उन्हें अपने कक्ष में किसी को भी नहीं आने की आज्ञा दी।
माता का आदेश सुनकर भगवान गणेश जी द्वार पर पहरा देने लगे और उसके बाद वहां भगवान शंकर पहुंचे और कक्ष के अंदर जाने के लिए गणेश जी से हटने को कहा। चूंकि गणेश जी नहीं जानते थे कि वे उनके पिता हैं, इसलिए उन्होंने वहां से हटने से मना कर दिया। इस पर भगवान शंकर को क्रोध आ गया और उन्होंने गणेश जी के सिर को काट दिया। बाद में भगवान गणेश जी के जीवन के लिए देवी पार्वती जी के आग्रह करने पर महादेव शंकर ने हाथी का सिर भगवान गणेश जी के धड़ पर लगा दिया और फिर भगवान शिव ने स्वयं उनको जीवन प्रदान कर आशीर्वाद भी दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *