जनसमस्याओं को लेकर सरकार असंवेदनशील : डॉ. देवशरण भगत

रांची: सरकार की निष्क्रियता एवं जनसमस्याओं को लेकर असंवेदनशीलता के कारण पूरे राज्य में बिजली की स्थिति बदतर हो गई है। बिजली की भारी लोडशेडिंग के कारण जनजीवन मुश्किलों में पड़ा है। लोडशेडिंग के कारण गांवों में त्राहिमाम की स्थिति है। प्रतिदिन लाखों ग्रामीणों को अंधेरे में रहना पड़ रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार ने इस स्थिति से निपटने हेतु ना कोई तैयारी की थी और ना ही सरकार द्वारा अभी कोई ईमानदार प्रयास किया जा रहा।

उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कही। ज्ञात हो कि आजसू पार्टी रांची जिला इकाई ने आज अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ सभी प्रखंडों के पावर सब स्टेशन में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया।

मौके पर आजसू पार्टी के रांची जिलाध्यक्ष श्री संजय महतो ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य सरकार बिजली संकट का निवारण ही नहीं करना चाहती। बिजली को लेकर चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है, ग्रामीण इलाकों में प्रतिदिन करीब 12 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। बिजली गुल रहने से कई काम-काज ठप पड़े हैं। व्यापारी, किसान, छात्र, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में जुटे अभ्यर्थी सभी परेशान हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बिजली कटौती का बुरा असर पड़ा है। राज्य सरकार के अब तक के क्रियाकलापों एवं निर्णयों से ऐसा लगता है कि इस संकट से निपटने हेतु कोई कार्ययोजना ही नहीं बनाई गई। इससे यह भी साबित होता है कि जन समस्याओं को लेकर यह सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं।

आजसू पार्टी यह मांग करती है कि सरकार इस संकट पर गंभीरता दिखाए तथा लोडशेडिंग की समस्या से राज्यवासियों और खास करके ग्रामीणों को निजात दिलाए।

इन्होंने किया धरना प्रदर्शन का नेतृत्व : कांके में रांची जिलाध्यक्ष संजय महतो, रातू में हटिया विधानसभा प्रभारी भरत कांशी साहू, रांची जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत एवं रांची महानगर अध्यक्ष ज्ञान सिन्हा, सिल्ली में केंद्रीय संगठन सचिव जयपाल सिंह, रांची जिला परिषद उपाध्यक्ष वीणा चौधरी, सिल्ली प्रमुख जितेंद्र बड़ाइक, सिल्ली प्रखंड अध्यक्ष अनिल मांझी, अनगड़ा में प्रखंड अध्यक्ष जगरनाथ महतो, जलनाथ चौधरी, जोन्हा में प्रखंड अध्यक्ष शंकर मुंडा सहित सभी प्रखंड के अध्यक्ष, पंचायत कमिटी, प्रखंड कमिटी, रांची महानगर कमिटी, जिला कमिटी, केंद्रीय कमिटी के पदाधिकारी तथा अन्य मौजूद थे।

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