भाषा संस्कृति की रीढ़ होती है और हिंदी हमारी जड़:डीएम

गणादेश ब्यूरो
सहरसा:हिंदी दिवस के अवसर पर बुधवार को आयुक्त कार्यालय एवं समाहरणालय सभाकक्ष
में अलग-अलग गोष्ठी का आयोजन किया गया। आयुक्त के सचिव भूपेंद्र कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में रमेश झा महिला कॉलेज की पूर्व प्राचार्या रेणु सिंह सहित कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।

जिला प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम आनंद शर्मा ने कहा कि भाषा संस्कृति की रीढ होती है। हिंदी हमारी जड़ है और जिस वृक्ष की जड़ मजबूत और ऊपरी भाग लचीला हो तो उस वृक्ष को बड़े से बड़े तुफान भी नहीं उखाड़ सकता है। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हिंदी हमारी राज भाषा है। उन्होंने कहा कि हम और भी अन्य भाषा सीखें। लेकिन अपने जड़ को कमजोर नहीं पड़ने दें। दूसरी संस्कृति की अच्छाइयों काे ग्रहण करें। उन्होंने कहा कि हिंदी आज विश्व की चौथी सबसे अधिक बाेली जानी वाली भाषा है। दुनियां के 30 देश में हिंदी भाषा का उपयोग होता है। अमेरिका के 150 स्कूलों में हिंदी पढाई जाती है। अपने संबोधन में अपर समाहर्ता विनय कुमार मंडल ने कहा कि हिंदी का जितना विकास होना चाहिए, उतना नहीं हुआ। हिंदी केवल उत्तर भारत की भाषा बनकर रह गई। दक्षिण भारत के लोग हिंदी समझते हुए भी क्षेत्रीय भाषा या अंग्रेजी में बात करना सही समझते हैं। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की शुरुआत नीचे के स्तर से ही होगा  ।  
जिला भूअर्जन पदाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि 1953 से ही प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी को लोक भाषा बनाने के प्रयास होने चाहिए, लेकिन अभी तक यह हमारी पाठ्यक्रम की भाषा भी नहीं बन पाई है। अभी भी तकनीकी शब्दावली का विकास हिंदी में नहीं हो सका है। तकनीकी शब्दावली का विकास नहीं होना ज्ञान विज्ञान के विकास में बड़ी बाधा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *