बिहार के 10 जिलों में मखाना से सलाना 800 करोड़ का कारोबार
पटनाः बिहार के पूर्णिया। कोसी और सीमांचल में मखाने का कारोबार लगातार बढ़ता ही रहा है। इस मांग देश ही नहीं विदेशों में भी है। सालाना लगभग 800 करोड़ का कारोबार हो रहा है। नये प्रभेद सबौर मखाना-वन की खोज के बाद किसान साल में दो बार मखाना का उत्पादन करने लगे हैं। किसानों का रुझान भी इसकी खेती की ओर बढ़ रहा है। यहां के मखाने की गुणवत्ता बेहतर होती है। बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय के अंतर्गत भी कृषि कालेज में मखाना विकास योजना पर काम किया जा रहा है। भारत सरकार बायोटेक किसान हब परियोजना में तीन आकांक्षी जिले पूर्णिया, अररिया और कटिहार को शामिल किया गया हैं।
बताते चलें कि बिहार के 10 जिलों पूर्णिया, कटिहार, अररिया, सहरसा, किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा, दरभंगा, मधुबनी व सीतामढ़ी में 35 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती हो रही है। । विश्व में कुल मखाना का 85 प्रतिशत उत्पादन बिहार के इन 10 जिलों में हो रहा है। सिर्फ पूर्णिया में करीब 10 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती हो रही है। पूर्णिया, कटिहार, अररिया, सहरसा, किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा में वैटलैंड एरिया में मखाना की खेती हो रही है, जबकि दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी में तालाब में मखाना की होती है। बिहार का मखाना अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया समेत कई देशों में पहुंच रहा है।